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शुक्रवार, 2 मई 2025

सरस्वती सुमन का माहेश्वर तिवारी स्मृति अंक

 

स्मृति शेष माहेश्वर तिवारी

समीक्षा-

गीत की बांसुरी थे माहेश्वर तिवारी

कीर्तिशेष नवगीतकार माहेश्वर तिवारी जी की स्मृति में देहरादून से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका 'सरस्वती सुमन' का अप्रेल 2025 अंक बहुत ही अच्छे कलेवर में 172 पृष्ठीय "माहेश्वर तिवारी स्मृति विशेषांक" के रूप में प्रकाशित हुआ है जिसके अतिथि संपादक नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम का श्रम, चयन और संपादकीय दृष्टि बहुत ही सराहनीय है। पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ आनंद सुमन सिंह ने बहुत ही उत्कृष्ट संपादकीय परम्परा का निर्वाह किया है। विशेषांक सुन्दर साज सज्जा व उच्च कोटि की प्रिंटिंग के साथ साथ माहेश्वर तिवारी जी पर केन्द्रित उत्कृष्ट सामग्री को संजोए है। माहेश्वर जी एक महान और लोकप्रिय नवगीतकार थे कई पीढ़ियों के रचनाकारों को उन्होंने देखा सुना और उन्हें अपने मन का सुन्दर नवगीत सुनाया। कविसम्मेलन मंचों पर वे कभी भी हल्का या फूहड़ नहीं हुए, उन्होंने जो साहित्य में लिखा वही मंच पर पढ़ा। पत्रिका के कवर पर उनकी बोलती हुई तस्वीर आकर्षित करती है और लगता है अभी एक जीवंत ठहाका सुनने को मिलेगा। इस महत्वपूर्ण और संग्रणीय विशेषांक में संपादकीय के साथ प्रथम खंड में माहेश्वर जी का सृजन संसार है जिसमें उनके नवगीत हैं, दोहे है, ग़ज़लें हैं, उनके जीवन की एकमात्र कहानी है और उनसे लिया गया साक्षात्कार है। इसके अलावा आलेख खंड में अवध बिहारी श्रीवास्तव, ओम निश्चल, राजेन्द्र गौतम, गुलाब सिंह सहित देश के 51 बड़े साहित्यकारों के आलेख हैं और डा. बुद्धिनाथ मिश्र, यश मालवीय, जयकृष्ण राय तुषार, मीनाक्षी ठाकुर आदि के 17 श्रद्धांजलि गीत हैं। विशेषांक में माहेश्वर जी के दुर्लभ और ऐतिहासिक फोटो के साथ साथ उनके परिवारजनों- पत्नी बालसुंदरी तिवारी, पुत्र समीर तिवारी, पुत्रवधु आशा तिवारी और पौत्रियों भाषा व अक्षरा के भावोदगार भी शामिल हैं। आख़िर में, देश के विभिन्न शहरों में हुईं श्रद्धांजलि सभाओं के समाचार और उनके निधन के पश्चात प्रकाशित उनके ग़ज़ल संग्रह 'धूप पर कुहरा बुना है' की योगेन्द्र वर्मा व्योम द्वारा की गई समीक्षा से यह विशेषांक महत्वपूर्ण बन गया है। माहेश्वर जी गीत की बाँसुरी से गहन सन्नाटा तोड़ देने वाले गीत कवि थे। वे अपने अनूठे गीतों के साथ युगों तक पाठकों के बीच और गीतकारों के बीच मौजूद रहेंगे। कुल मिलाकर यह बहुत ही सुन्दर, पठनीय और संग्रहणीय विशेषांक है और सरस्वती सुमन पत्रिका की ओर से एक सच्ची श्रद्धांजलि भी है। 

समीक्षक- जयकृष्ण राय तुषार

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कृति- पत्रिका 'सरस्वती सुमन' का "माहेश्वर तिवारी स्मृति विशेषांक "

संपादक- आनंद सुमन सिंह

विशेषांक संपादक- योगेन्द्र वर्मा व्योम

प्रकाशन- अप्रेल, 2025

मूल्य- रुपये 50/-

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