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शुक्रवार, 22 सितंबर 2023

एक ग़ज़ल -यही हिमालय तिरंगा ये हरसिंगार रहे



 

तिरंगा -जय हिन्द जय भारत वन्देमातरम 

एक पुरानी ग़ज़ल 

एक ग़ज़ल देश के नाम -

कहीं से लौट के आऊँ तुझी से प्यार रहे 


हवा ,ये फूल ,ये खुशबू ,यही गुबार रहे 

कहीं से लौट के आऊँ तुझी से प्यार रहे


मैं जब भी जन्म लूँ गंगा तुम्हारी गोद रहे 

यही तिरंगा ,हिमालय ये हरसिंगार रहे


बचूँ तो इसके मुकुट का मैं मोरपंख बनूँ 

मरूँ  तो नाम शहीदों में ये शुमार रहे


ये मुल्क ख़्वाब से सुंदर है जन्नतों से बड़ा 

यहाँ पे संत ,सिद्ध और दशावतार रहे


मैं जब भी देखूँ लिपट जाऊँ पाँव को छू लूँ 

ये माँ का कर्ज़ है चुकता न हो उधार रहे


भगत ,आज़ाद औ बिस्मिल ,सुभाष भी थे यहीं 

जो इन्क़लाब लिखे सब इन्हीं के यार रहे


आज़ादी पेड़ हरा है ये मौसमों से कहो 

न सूख पाएँ परिंदो को एतबार रहे


तमाम रंग नज़ारे ये बाँकपन ये शाम 

सुबह के फूल पे कुछ धूप कुछ 'तुषार 'रहे 

कवि /शायर -जयकृष्ण राय तुषार 

चित्र -साभार गूगल 


चित्र -साभार गूगल -भारत के लोकरंग 

मंगलवार, 19 सितंबर 2023

एक सहृदय मुलाक़ात -डॉ. अजय कुमार मिश्र महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश से


महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश डॉ. अजय कुमार मिश्र
को स्वामी योगानंद जी की पुस्तक भेंट करते हुए 

उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता डॉ. अजय कुमार मिश्र जी, महाधिवक्ता बनने के पूर्व उच्चतम न्यायालय के सीनियर एडवोकेट रहे. वकालत के अतिरिक्त माननीय की रूचि भारतीय दर्शन, अध्यात्म, और भारतीय संस्कृति और परम्परा में है. साहित्य के प्रति अभिरूचि भी आपकी एक विशेषता है.इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति माननीय श्री अश्वनी कुमार मिश्र जी आपके अनुज हैं. आपका जन्म 1958 में प्रयाग में हुआ था. आप इलाहाबाद हाईकोर्ट के प्रतिष्ठित न्यायमूर्ति स्मृतिशेष एस. आर. मिश्र के ज्येष्ठ पुत्र हैं .श्री वृन्दावन मिश्र जी माननीय महाधिवक्ता जी के सुपुत्र हैं और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित वकील हैं.आज मुझे माननीय महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश से मिलने और उनको पुस्तक भेंट करने का सुअवसर मिला.माननीय महाधिवक्ता महोदय के प्रति मैं हृदय से कृतज्ञ हूँ.

महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश डॉ.अजय कुमार मिश्र
को पुस्तक भेंट करते हुए 

डॉ. अजय कुमार मिश्र
महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश 


बुधवार, 6 सितंबर 2023

एक गीत -जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम

  



एक आस्था का गीत -
जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम  

जहाँ वंशी गूँजे हर शाम |
किशोरी जी का जो छवि धाम 
जहाँ पर कृष्ण रूप में राम !
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ भगवान भक्त के दास 
सूर ,वल्लभ ,स्वामी हरिदास ,
जहाँ राजा से रंक का मेल 
सुदामा कृष्ण का सुंदर खेल ,
जहाँ यमुना का क्रीड़ाधाम 
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ बस प्रेम है द्वेष न राग 
जहाँ हर मौसम होली ,फाग ,
जहाँ फूलों में इत्र सुवास 
जहाँ उद्धव जी का परिहास ,
जहाँ संतो का सुख हरिनाम 
वही है वृन्दावन का धाम |

जहाँ गीता का अमृत पान 
गोपियों का नर्तन -मधु गान ,
जहाँ मिट जाते दुःख -संताप 
पुण्य का उदय ,अस्त हो पाप ,
है जिसके वश में माया ,काम 
वही है वृंदावन का धाम |

जहाँ गिरि गोवर्धन का मान 
इन्द्र का टूटा था अभिमान ,
जहाँ गायों का पालनहार 
जहाँ भक्तों के मोक्ष का द्वार 
जहाँ सबसे सुन्दर रंग श्याम
वही है वृन्दावन का धाम |


कवि -जयकृष्ण राय तुषार 


सभी चित्र -साभार गूगल 

सोमवार, 4 सितंबर 2023


एक गीत -और कमल का फूल रहे

माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी 

माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ जी 


एक गीत -और कमल का फूल रहे 

शंख नाद सरयू से गूंजे

काशी में तिरशूल रहे 

2024 में मोदी और

कमल का फूल रहे.


पी. ओ. के. में उड़े तिरंगा

तिब्बत में आजादी हो

अमित शाह, डोवाल सरीखा

हर नेता फौलादी हो 

भारत माँ के चरण कमल में

अब न कभी भी शूल रहे.


यूपी में योगी बाबा का

मान और सम्मान रहे

हमको अपनी संस्कृति 

गौरव गाथा पर अभिमान रहे

सबका साथ विकास सभी का

यही अटल स्कूल रहे.


राष्ट्र धर्म के साथ साथ में

सर्व धर्म समभाव रहे

उसे तिरंगा देना जिसका

जग में अमिट प्रभाव रहे

एक व्यवस्था संविधान की

एक सभी का रूल रहे 


पाक परस्तों, गद्दारों को

कुर्सी मत दिखलाना जी

वीर शिवाजी, राणा जैसा

योद्धा फिर से लाना जी

युद्ध क्षेत्र में सन बासठ के

जैसी कभी न भूल रहे 

कवि -जयकृष्ण राय तुषार

राष्ट्रीय पुष्प कमल 


सोमवार, 14 अगस्त 2023

पुस्तक भेंट

माननीय न्यायमूर्ति श्री सौरभ श्याम शमशेरी जी को
स्वामी योगानंद जी की जीवनी भेंट करते हुए 


माननीय न्यायमूर्ति श्री कृष्ण पहल जी को
 पुस्तक भेंट करते हुए साथ में भाई सत्यप्रकाश जी 


शनिवार, 29 जुलाई 2023

पुस्तक -मेड़ों पर वसंत


विशेष सचिव न्याय श्री राधा मोहन श्रीवास्तव
जी को मेड़ों पर वसंत भेंट करते हुए 



श्री दिवाकर द्विवेदी जी रजिस्ट्रार
को गीत संग्रह भेंट करते हुए 


बुधवार, 7 जून 2023

एक गीत -गीत निराला के प्रयाग का गंगाजल है

चित्र साभार गूगल 



एक ताज़ा गीत 


गीत निराला के प्रयाग का गंगाजल है


गीत वही

जो प्यासी -

ऋतु को सावन कर दे.

गंधहीन

फूलों में

थोड़ी खुशबू भर दे.


गीत चाँदनी में

झरनों की

मधु कल कल है,

गीत

निराला के

प्रयाग का गंगाजल है,

गीत वही

जो कृष्ण -

अधर पर वंशी धर दे.


गीत

प्रेम की नदी

परिंदो की उड़ान है,

संस्कार

उत्सव का यह

आदिम मकान है,

गीत विरह

ही नहीं

सरहदों पर भी स्वर दे.


गीत

वही जो तुलसी

विद्यापति गाते हैं,

गीत

वही जो

मीराबाई को भाते हैं,

गीत वही

जो बाल्मीकि

को पावन कर दे.


फागुन का

रंग जीवन की

उम्मीद गीत है,

बंजारों का

हर मुश्किल में

यही मीत है,

गीत

वही जो

भीमसेन सा जादू कर दे.

कवि -जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल 


शुक्रवार, 19 मई 2023

एक गीत -बंजारन बाँसुरी बजाना

 

चित्र साभार गूगल 

एक गीत -बंजारन बाँसुरी बजाना 

मद्धम सुर हो या हो पंचम 
बंजारन  बाँसुरी बजाती जा.
राजा अब गीत कहाँ सुनता
तू अपनी बस्ती में गाती जा.

मौसम को दोष नहीं देना
वन फूलों जैसा ही खिलना,
हँसकर के तितली को छूना
पात भरे पेड़ों से मिलना.
थकी हुई पर्वत की घाटी
आँखों में स्वप्न को सजाती जा.

कत्थक मुद्राएँ, गन्धर्व नहीं
नौटंकी, लोककला हाशिए,
उज्जयिनी नवरत्नो से विहीन
शब्द, अर्थ भूलते दूभाषिए,
गंगा तो निर्गुण भी सुनती है
लहरों पर दीप कुछ जलाती जा.

नीलकमल झीलों में मुरझाए
लहरों पर जलकुम्भी इतराए,
रिश्तों से रीत गया आँगन
बरसों से दरपन धुंधलाये,
हाथों से मेघों को बीनकर
छत पर कुछ चाँदनी सजाती जा.

कवि जयकृष्ण राय तुषार 
चित्र साभार गूगल 


शनिवार, 4 मार्च 2023

माननीय न्यायधीश उच्चतम न्यायालय श्री पंकज मित्तल


माननीय न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय
श्री पंकज मित्तल जी 


माननीय न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय
श्री पंकज मित्तल जी 


सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

पद्मश्री शोभना नारायण जी से एक आत्मीय मुलाक़ात


पद्मश्री शोभना नारायण जी को पुस्तक भेंट करते हुए
साथ में प्रयागराज संग्रहालय के निदेशक श्री राजेश प्रसाद 





श्री राजेश प्रसाद जी निदेशक
संग्रहालय
को पुस्तक भेंट करते हुए 

पद्मश्री शोवना नारायण एवं निदेशक इलाहाबाद
 संग्रहालय श्री राजेश प्रसाद और मैं