प्रभु श्रीराम |
एक गीत आस्था का
राम तुम्हारे निर्वासन को दुनिया राम कथा कहती है
राम तुम्हारे
निर्वासन को
दुनिया रामकथा कहती है ।
इसकी पीड़ा
सरयू जाने
अश्रु लिए युग-युग बहती है ।
राम तुम्हारी
चरण पादुका
कितनी पूजनीय हो जाती,
जोगन वस्त्र
पहनकर के भी
माँ सीता दुनिया को भाती ,
पंचवटी में
वेश बदलकर
राम राम माया कहती है ।
वनवासी से
ऋषि वर माँगे
जिसने मात-पिता सब खोया,
पिय बिछोह
का दुःख सहकर भी
मानव रूपी राम न रोया,
उसी राम की
दृढ़ इच्छा से
स्वर्णपुरी लंका ढहती है ।
एक अयोध्या
सरयू तट पर
एक सभी का पुण्य धाम है,
राम तुम्हारे
नव विग्रह को
चारो ही युग का प्रणाम है,
तुम भक्तों के
दास तुम्हारी
हनुमत पर छाया रहती है ।
कवि जयकृष्ण राय तुषार
सरयू नदी चित्र साभार गूगल |
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