विगत 7 दिसम्बर रविवार को माननीय न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय आदरणीय श्री कृष्ण मुरारी जी को पुस्तक भेंट. माननीय हाल ही में सेवानिवृत हो चुके हैं.
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| माननीय श्री कृष्ण मुरारी जी को प्रयागराज आगमन पर पुस्तक भेंट |
(हिन्दी के महत्वपूर्ण कवियों का ब्लॉग)
विगत 7 दिसम्बर रविवार को माननीय न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय आदरणीय श्री कृष्ण मुरारी जी को पुस्तक भेंट. माननीय हाल ही में सेवानिवृत हो चुके हैं.
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| माननीय श्री कृष्ण मुरारी जी को प्रयागराज आगमन पर पुस्तक भेंट |
दिनांक 6 दिसंबर कैंट क्षेत्र D. S. O ग्राउंड में उच्चतम न्यायालय के यशस्वी न्यायमूर्ति आदरणीय श्री पंकज मित्तल जी की पुत्री का रिसेप्शन था. इस यादगार समारोह में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के माननीय न्यायधीश गण की उपस्थिति के बीच भाई हितेश कुमार सिंह जी से मिलना हुआ. माननीय मित्तल साहब का साहित्य प्रेम अद्भुत है और उतनी ही शिद्दत से साहित्यकारों कवियों का सम्मान भी करते हैं. इस यादगार समारोह में मैंने अपना ग़ज़ल संग्रह और श्रीमद भागवत गीता भी माननीय को भेंट किए.
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| माननीय न्यायमूर्ति श्री पंकज मित्तल जी और प्रयागपथ के यशस्वी सम्पादक भाई श्री हितेश कुमार सिंह जी मैंने अपना ताज़ा ग़ज़ल संग्रह भेंट किया |
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| माननीय श्री पंकज मित्तल जी उच्चतम न्यायालय |
आज अकस्मात लोकभारती में प्रोफ़ेसर योगेंद्र प्रताप सिंह जी हिन्दी विभाग इलाहाबाद विश्व विद्यालय का आना हुआ. मैंने लोकभारती से प्रकाशित अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट किया.आदरणीय श्री रमेश ग्रोवर जी सबसे दाएं बैठे हुए.
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| प्रोफ़ेसर योगेंद्र प्रताप सिंह हिन्दी विभाग इलाहाबाद केंद्रीय विश्व विद्यालय और आदरणीय श्री रमेश ग्रोवर जी |
आज पूर्व न्यायमूर्ति इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं पूर्व लोकायुक्त उत्तर प्रदेश माननीय श्री शम्भूनाथ श्रीवास्तव जी के आवास पर अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट किए.
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| माननीय न्यायमूर्ति श्री शंभूनाथ श्रीवास्तव जी को पुस्तक भेंट करते हुए |
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| चित्र साभार गूगल |
एक गीत -सर्द मौसम
बर्फ़ में गुलमर्ग
औली
और शिमला है.
सर्द मौसम में
गुलाबी
कोट निकला है.
छतें
स्वेटर बुन रही हैं
भाभियों वाली,
बतकही, चुगली
कड़कती
चाय की प्याली,
लाँन में
हर फूल
खुशबू और गमला है.
हवा ठंडी
काँपती सी
लहर नदियों की,
याद आई
फिर कहानी
कई सदियों की,
चाँद
पूनम का भी
अबकी बार धुंधला है.
पेड़ से
उड़कर जमीं
पर लौट आए हैं,
ओंस में
भींगे परिंदे
कुनमुनाये हैं,
मौसमी
दिनमान
का भी रंग बदला है.
कवि -जयकृष्ण राय तुषार
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| चित्र साभार गूगल |
कल शाम सेन्ट्रल G. S. T परिसर में कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ मेरे ग़ज़ल संग्रह का विमोचन भी हुआ. सभी आयुक्त एवं अपर आयुक्त गण मौजूद थे. आयोजन की जिम्मेदारी वरिष्ठ अनुवादक श्री उमेश कुमार मौर्य जी की थी. तीन दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का समापन भी कल था. ऑफिस के सभी अधिकारी कर्मचारी इस साहित्य कुम्भ में शामिल थे.
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| मेरा काव्य पाठ |
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| ग्रुप फोटो |
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| मेरे ग़ज़ल संग्रह का विमोचन G. S. T. आयुक्त महोदय एवं अपर आयुक्त श्री रजनीकांत मिश्र जी एवं एम. रहमान |
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| ग्रुप फोटो |
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| चित्र साभार गूगल |
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| चित्र साभार गूगल |
एक ताज़ा गीत.कलम ख़ामोश थी आज कुछ कोशिश किए.
कोई चिड़िया
नीलगगन से
मेरे आँगन में आ जाये.
मेरे प्रेम गीत को
फिर से फूल
पत्तियाँ, मौसम गाये.
बाहर का मौसम
अच्छा है
लेकिन मन में धुंध, तपन है,
चाँद कहीं पर
सोया होगा
खाली -खाली नीलगगन है,
खुशबू ओढ़े
बैठे होंगे
घाटी में पेड़ों के साये.
हिरन दौड़ते
तेज धूप में
नदियों की भुरभुरी रेत में,
फसलों से
बतियाते होंगे
कितने राँझे -हीर खेत में,
हरी भरी मेंड़ों पर
कोई जोड़ा
नीलकंठ आ जाये.
सूने वन में
बनजारों के संग
वंशी, मादल का मिलना,
उस पठार की
भूमि धन्य है
जिसमें हो फूलों का खिलना,
गंगा की धारा में
जैसे कोई
मांझी शंख बजाये.
कवि जयकृष्ण राय तुषार
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| चित्र साभार गूगल |
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| माननीय न्यायमूर्ति श्री चंद्रकुमार राय जी को अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट किए. बायीं ओर साथी A. C. S. C श्री आशुतोष कुमार राय |
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| माननीय न्यायमूर्ति श्री चंद्रकुमार राय जी को अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट किए |
आज सुबह 10 बजे प्रोफ़ेसर रीता बहुगुणा जोशी पूर्व सांसद भारतीय जनता पार्टी के आवास पर मिलकर पुस्तक भेंट किए.अपने ग़ज़ल संग्रह के अतिरिक्त रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी और महापंडित राहुल संस्कृत्यायन की लिखी किताब मेरी तिब्बत यात्रा. रीता जी को राजनीति विरासत में मिली है. विद्वान विनम्र और मिलनसार स्वाभाव के कारण इनकी अलग पहचान है. वर्षों पहले हिंदुस्तानी एकेडमी में इनकी अध्यक्षता में कविता पाठ का भी सुअवसर मिला था.आप सभी का दिन शुभ हो.
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| पूर्व सांसद भारतीय जनता पार्टी एवं प्रोफ़ेसर आदरणीया रीता बहुगुणा जोशी जी को पुस्तक भेंट |
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| पूर्व सांसद रीता जी को पुस्तक भेंट |