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पूर्व कुलपति B. H. U. प्रोफ़ेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी जी को अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट करते हुए |
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प्रोफ़ेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी पूर्व कुलपति काशी हिन्दू विश्व विद्यालय |
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पूर्व कुलपति B. H. U. प्रोफ़ेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी जी को अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट करते हुए |
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प्रोफ़ेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी पूर्व कुलपति काशी हिन्दू विश्व विद्यालय |
आज उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अपर महाधिवक्ता और लेखक आदरणीय श्री अशोक मेहता जी को उनके सरकारी चेम्बर में अपना ताज़ा ग़ज़ल संग्रह भेंट किए.आदरणीय श्री अशोक मेहता जी की पंडित मदन मोहन मालवीय पर उनके द्वारा लड़े गए महत्वपूर्ण मुकदमों पर पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है. साथ में आदरणीय श्री वंश नारायण पाठक जी, श्री अलोक शर्मा जी, आदरणीय श्री सतीश राय जी और एडवोकेट पांडे जी उपस्थित रहे. आप सभी का दिन शुभ हो.
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आदरणीय अशोक मेहता अपर महाधिवक्ता को पुस्तक भेंट |
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उत्तर प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता श्री अशोक मेहता जी एवं अन्य सरकारी वकील मेरे ग़ज़ल संग्रह के साथ |
एक देशगान -
वेदों का पावन धाम कहो
भारत माता के
चरणों में
वेदों का पावन धाम कहो.
अब भगवा ध्वज
लेकर निकलो
दुनिया से जय श्रीराम कहो.
हम नफ़रत
द्वेष नहीं करते
मानवता, शांति सिखाते हैं,
सब धर्मों का
आदर करते
हम सबका मान बढ़ाते हैं,
हम सामवेद भी
गाते हैं
भारत माँ को सुरग्राम कहो.
गंगा, यमुना के
घाट पुण्य
सरयू की छटा निराली है,
गिरिनार, नर्मदा
संतों की
विंध्याचल शेरावाली है,
काशी के घाटों
को प्रणाम
संगीत, भजन की शाम कहो.
चमकेगा
सूर्य सनातन का
फिर त्रेता, द्वापर आएंगे,
कुरुक्षेत्र
सुनेगा गीता फिर
लंका को राख बनाएंगे,
वीरों होकर
निर्भय निकलो
सोते जगते हरि नाम कहो.
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प्रभु श्रीराम |