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सोमवार, 24 फ़रवरी 2025

माँ गंगा, यमुना और सरस्वती का भव्य मंदिर बने प्रयागराज में

 

चित्र साभार गूगल 

प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का भव्य मन्दिर बने 


मैं देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी और माननीय मुख्यमंत्री जी से परमपूज्य चारो शंकराचार्य और संत समाज के साथ देश के उद्योगपति बन्धुओं से निवेदन करता हूँ कि महाकुम्भ 2025 की मनोहर स्मृति में संगम, अरेल या लेटे हनुमान जी के निकट विश्व में श्रेष्ठतम माँ गंगा, यमुना और सरस्वती का मन्दिर बने.आस्था के साथ पर्यटन भी धन्य होगा.  यह महाकुम्भ सनातन आस्था का दिव्य, अलौकिक और विराट स्वरूप है. सकल विश्व के लिए शांति और अध्यात्म का अतुलनीय शंखनाद है.धनकुबेरों और आमजन की आस्था का महासंगम देखने को मिला इस महान कुम्भ में. हर हर गंगे. जय प्रयागराज


चित्र साभार गूगल 


रविवार, 16 फ़रवरी 2025

माघी पूर्णिमा पर हिंदुस्तान समाचार पत्र का महाकुम्भ विशेषांक

 हिंदुस्तान समाचार पत्र के मुख्य कॉपी एडिटर एवं सुप्रसिद्ध कहानीकार भाई रणविजय सिंह सत्यकेतु ने महाकुम्भ पर स्पेशल विशेषांक निकला जिसे प्रबंधन ने राष्ट्रीय पेज पर प्रकाशित किया था. माघ पूर्णिमा का स्नानपर्व विगत 12 फरवरी को सम्पन्न हुआ.

हिंदुस्तान में महाकुम्भ पर मेरी ग़ज़ल 

इस अंक में कैलाश गौतम की लोकप्रिय कविता अमौसा क मेला. भाई यश मालवीय के दोहे, कवि श्रीरंग की कविता एवं रचना सक्सेना की कविता के साथ मेरी ग़ज़ल थी. अन्य पेज पेज आलेख भी थे.