मंगलवार, 4 मई 2021

एक गीत - खेतों से लौट गया नहरों का पानी

 

चित्र -साभार गूगल 

एक गीत -

खेतों से लौट गया नहरों का पानी 


खेतों से 
लौट गया 
नहरों का पानी |
मटमैला 
रंग हुआ 
फसलों का धानी |

खाद- बीज 
ब्याज सहित 
कर्ज कुछ उधारी ,
गेहूं में 
रोग लगा 
धान सब मुंगारी ,
गाँवों के 
नाम अलग 
एक है कहानी |

मौसम को 
पढ़ने में 
गिरे चढ़े पारे ,
सरकारें 
बदली तो 
बदल गए नारे ,
बच्चे 
परदेश गए 
डूबती किसानी |

झगड़े में 
बाग बिके 
साझे की नीम कटी ,
एक ही 
पड़ोसन थी 
दुश्मन के साथ सटी ,
वक्त की 
अदालत में 
रोज तजमिसानी |

कवि -जयकृष्ण राय तुषार 

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