बुधवार, 10 मार्च 2021

एक गीत-एक रंग होली का

 

चित्र साभार गूगल

एक होली गीत


एक रंग

होली का

फागुन के आने का ।

एक रंग

साँवरिया

गोकुल,बरसाने का ।


टेसू के

फूलों से 

ऋतु का श्रृंगार हुआ,

खुशबू के

दिन लौटे

फूलों से प्यार हुआ,

चुप्पियाँ

हँसेंगी फिर

डर है हर्जाने का ।


कंचन तन

मन रंगना

गीत के गुलालों से,

इस रंग को

छूना मत

इत्र की रूमालों से ,

कजरौटा

गायब है

कल से सिरहाने का।


होरी के

गीतों में

चैत के शिवाले हैं,

आम्र बौर

महके हैं

पंछी मतवाले हैं,

मिलने का

मौसम यह

मौसम तरसाने का।

जयकृष्ण राय तुषार

चित्र साभार गूगल


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