ताज़ा किताब-सियासत भी इलाहाबाद में संगम नहाती है (ग़ज़ल संग्रह)प्रोफ़ेसर संतोष भदौरिया जी मेरा ग़ज़ल संग्रह पढ़ते हुए
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प्रोफ़ेसर संतोष भदौरिया के साथ |
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उर्दू विभाग इलाहाबाद विश्व विद्यालय प्रोफ़ेसर ज़फर |
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श्री श्रीरंजन शुक्ल जी पूर्व अधिकारी इलाहाबाद संग्रहालय |
आज इलाहाबाद केंद्रीय विश्व विद्यालय के हिन्दी विभाग जाना हुआ मकसद था आदरणीय प्रोफ़ेसर संतोष भदौरिया जी को अपना ग़ज़ल संग्रह भेंट करना. उर्दू विभाग भी जाकर एक प्रोफ़ेसर को अपनी ताज़ा प्रकाशित पुस्तक भेंट किए. और सुबह लोकप्रिय उपन्यासकर श्री लाल शुक्ल जी को घर पर जाकर संग्रह भेंट किए.
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